आज संसद में पेश होगा 'वन नेशन-वन इलेक्शन' विधेयक; BJP का सभी सांसदों को उपस्थित रहने का निर्देश, कांग्रेस बोली- विरोध करेंगे
Parliament Live One Nation-One Election Bill Presented Today
One Nation-One Election Bill: देशभर में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जाने के प्रावधान वाले 'वन नेशन-वन इलेक्शन' विधेयक को आज संसद में पेश किया जाएगा। संसद के लिए आज का दिन एतिहासिक है। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस विधेयक को लोकसभा में पेश करेंगे।
बता दें कि, यह 'एक सौ उनतीसवां संविधान संशोधन विधेयक 2024' होगा। इससे पहले 16 दिसंबर को लोकसभा में 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के संबंध में संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया जाना था।
BJP ने सभी सांसदों को जारी किया व्हिप
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को महत्वपूर्ण विधायी कार्य चर्चा एवं पारित करने के चलते सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। जिसके चलते बीजेपी के सभी सांसद 'वन नेशन-वन इलेक्शन' विधेयक पेश होने के दौरान लोकसभा सदन में मौजूद रहेंगे और इसे समर्थन देंगे।
कांग्रेस की ओर से भी जारी किया गया व्हिप
बीजेपी के अलावा कांग्रेस ने भी अपने सभी लोकसभा सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, जिसमें आज (मंगलवार) की महत्वपूर्ण कार्यवाही के लिए सदन में उनकी उपस्थिति अनिवार्य की गई है। कांग्रेस द्वारा 'वन नेशन-वन इलेक्शन' विधेयक का विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस के अलावा इंडिया गठबंधन के अन्य दल भी 'वन नेशन-वन इलेक्शन' विधेयक के खिलाफ देखे जा रहे हैं।
जयराम रमेश ने कहा- हमारा कड़ा विरोध
वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, "हम इस विधेयक का कड़ा विरोध करते हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने 17 जनवरी को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा था कि कांग्रेस पार्टी इस विधेयक का विरोध क्यों और किस कारण कर रही हैं। हम वन नेशन, वन इलेक्शन के विधेयक को संविधान के खिलाफ मानते हैं। लोकतंत्र को हटाने के लिए यह लाया जा रहा है। वन नेशन, वन इलेक्शन संविधान बदलने का एक बिगुल है।
समाजवादी पार्टी भी विरोध में
वन नेशन-वन इलेक्शन पर समाजवादी पार्टी सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, "हमारी पार्टी उसका विरोध करेगी क्योंकि वो संविधान की तमाम धाराओं के खिलाफ है। वहीं वन नेशन वन इलेक्शन पर NCP-SCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "इसपर और चर्चा होने की जरूरत है...जो भी निर्णय हो, वो सभी से चर्चा करने के बाद हो। हमारी पार्टी की मांग JPC की होगी।
'वन नेशन-वन इलेक्शन' का उद्देश्य क्या?
दरअसल, 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को कानून बनाने के पीछे यह उद्देश्य है कि, देशभर में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जा सकें. जिससे चुनावी प्रक्रिया में सुधार और खर्चों में कमी आने की बात कही गई है। इसके साथ ही यह कोशिश है कि, वन नेशन-वन इलेक्शन' माध्यम से चुनावों को स्थिर और संगठित तरीके से कराने व देशभर में चुनावी गतिविधियों का प्रभावी प्रबंधन किया जा सके।
सरकार का कहना है कि इससे राजनीतिक स्थिरता भी बनी रहेगी। 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
'वन नेशन-वन इलेक्शन' विधेयक पर संसद में होगी बहस?
फिलहाल, 'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल के संसद में आने से इस पर बहस होगी। बताया जा रहा है कि, सभी सांसदों को बिल की कॉपी भेज दी गई है। ताकि वह इसे पढ़ लें और इस पर तैयारी कर लें। संसद में 'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल पेश होने और इस पर चर्चा होने के बाद इसे आगे की प्रक्रिया के लिए भेजा जाएगा।
वहीं विरोध के चलते विधेयक संयुक्त संसदीय समिति (JPC- Joint Parliamentary Committee) के पास भी भेजा जा सकता है। संसद में 'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल पर जोरदार हंगामा देखने को मिल सकता है।
सितंबर में कैबिनेट ने समिति का प्रस्ताव मंजूर किया था
इससे पहले इसी साल सितंबर में केंद्रीय कैबिनेट ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' पर गठित उच्च स्तरीय समिति (रामनाथ कोविंद कमेटी) की सिफारिशों को मंजूर किया था। यानि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के आधार पर यह कदम उठाया गया है।
एक देश एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को समिति का चेयरमैन बनाया गया था। समिति ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का मसौदा तैयार किया और प्रस्ताव कैबिनेट के सामने रखा। यह माना जा रहा था कि, केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session 2024) में इस संबंध में बिल संसद में पेश कर सकती है।